Friday, August 20, 2010

अतीत के कुछ हसीन पल !!!!!!!

आज मुझे एक सन्देश मिला....सबसे बेहतरीन और बेहद प्यारा :

याद करो वह रात, जब तुम घर देर रात से आये....माँ तुम्हारा अब भी इंतज़ार कर रही थी...तुम्हे डांटा नहीं, मगर गरमा-गरम खाना परोसा.....याद करो वह दिन, जब तुमने अपनी दीदी से अपना स्कूल का गृह कार्य करने के लिए कहा...उसका जवाब आया," अभी तो कर दूँगी, मगर मेरी शादी के बाद तेरा काम कौन कर के देगा"........ याद करो वह दिन, जब तुम्हारे भाई ने नई जींस खरीदी.....तुम्हे पसंद आई और उसने झट से कह दिया,"तुझे पसंद है....रख ले....मैं दूसरी ले लूँगा"
..... अपने परिवार जैसा कोई नहीं..... घर कॉल करो !!!!!!


(दरअसल, यह सन्देश इस रूप में मुझे मिला:
Remember the night, you came late.....ur mother was waiting till this late...didn't scold you, but served u hot dinner......remember the day.....u asked ur sister to do ur homework and she said "abhi to kar doongi, magar meri shaadi ke baad tera homework kaun karega".......remember the day, ur brother baught a new jeans...... u liked it and he just said "tujhe pasand hai...rakh le...main doosra le loonga" .....nothing like ur family .....just call home !!!! )

पढ़ के आँखों में आंसू झलक आये.....यह कोई सन्देश भर नहीं....मेरे अतीत के कुछ हसीन पल हैं.
आज भी याद है.......अक्सर ऑफिस से लेट घर आता था....मगर, मम्मी इंतज़ार करती थी आधी रात तक (और पापा भी)..... हाँ कभी-कभी उनकी डांट मुझे और मेरी मेनेजर को ज़रूर पड़ती थी .....मगर खाना गरमा-गरम ही मिलता था :o)

आज भी याद है.....मैं सुबह तड़के ४ बजे बारिश में भीगा हुआ घर पहुंचा...कोलकता(बैरकपुर) छुट्टियों में....मगर इसके पहले मैं तारो-ताज़ा होता.... मेरा पसंदीदा नाश्ता तैयार था !!!!!!

आज भी याद है......१२ वि कक्षा के दिन.....मैने दीदी से अपनी जीव-विज्ञान की practical कॉपी लिखने की गुजारिश की थी .....कारण- मेरा आलसपन और दीदी की बढ़िया चित्र-कला ;o)
उसकी सगाई हो चुकी थी.... २ महीने बाद ही शादी थी ....उसने मुझसे बिलकुल यही कहा था, जैसे ऊपर के सन्देश में लिखा है,"अभी तो कर दूँगी, मगर मेरी शादी के बाद तेरा काम कौन कर के देगा" ....उसने किया.....और बेहद निपुणता से :o)

आज भी याद है....जब भैया छुट्टियों में घर आया था.....मेरे लिए एक पतलून और अपने लिए एक जींस खरीदी उसने..... मैने अपनी पतलून तो बाद में, उसकी जींस पहन कर पहले ऑफिस गया....दोस्तों को भी पसंद आई....घर आकर जब उसे बताया....वह मुस्कुराते हुए बोला," तुझे पसंद है....रख ले....मैं दूसरी ले लूँगा" ..... और यह जींस आज भी पहन रहा हूँ.... और उसकी बाइक 'CBZ' भी चला रहा हूँ :o)

आज भी याद है.....दोस्तों के साथ लद्दाख जाते हुए....मैं यूं ही, अचानक से छोटी दीदी के घर पठानकोट चला गया.... देर रात से पहुंचा और वह भी बस कुछ घंटों के लिए ....मगर उसने मुझे डांटा नहीं...मेरी प्यारी भांजी सान्वी मेरे इंतज़ार में सोई नहीं, जब तक की उसने अपनी तोतली सी आवाज़ में नर्सरी की कवितायेँ और अपने स्कूल की प्यारी-प्यारी बाते मुझे नहीं बता दी.......और हाँ, मेरी छोटी दीदी की खाना बनाने के कौशल के बारे में कुछ कहना कमतर ही होगा.... मुझे नहीं पता था की मेरा स्वागत राजकुमारों जैसा होगा..... उसे खाना बनाने का शौक है, और मुझे खाने का....और उससे बेहतर मेरे स्वाद को कोई नहीं जानता :o)

हम बड़े क्यों हो जाते हैं....क्यों हूँ मैं घर से इतना दूर.....क्यों नहीं वापिस जा सकता मैं उस हसीन दुनिया में !!!!!!!

Sweet memories from my past

Today, I received the best and the cutest message !!!!!!!!!!!!

Remember the night, you came late.....ur mother was waiting till this late...didn't scold you, but served u hot dinner......remember the day.....u asked ur sister to do ur homework and she said "abhi to kar doongi, magar meri shaadi ke baad tera homework kaun karega".......remember the day, ur brother baught a new jeans...... u liked it and he just said "tujhe pasand hai...rakh le...main doosra le loonga" .....nothing like ur family .....just call home !!!!


Its not just a message..... these are some sweet moments in my memory ......tears are in my eyes...... I still remember those days when I use to come home late from office and someone was waiting for me till midnight (my father too)....though she use to scold me sometime and my manager, but I use to get hot dinner :o)

I still remember the day when I reached home in Kolkata (Barackpore) at morning 4...totally drenched in rain ..... but, my favorite breakfast was ready by the time I freshen up .......

Still remember my class 12th days.....I requested my elder sister to write my Biology Practical Book..... she was good in drawing...... and I was too lazy to write my own practicals......she was already engaged and marriage was fixed just after 2 months......she told me exactly that in the message "Abhi to kar doongi, magar meri shaadi ke baad tera homework kaun karega" ....but she did it...with perfection :o)

Stiil remember the day my brother came for vacation..... bought a trouser for me and a jeans for himself..... I wore his jeans and went to office on next Friday....all my friends liked the jeans...... I came home and said it to my brother...... he just smiled and said "tujhe pasand hai....rakh le...main doosra le loonga" ...... I still wear this jeans and still ride his bike 'CBZ' :o)

Still remember the night when I reached Pathankot to my sister's house....just off-route from my Ladakh trip...... totally unplanned and late in night....that too, just for few hours.....she didn't scold me...... my niece didn't slept and kept waiting till I came, she sing nursery rhymes and told me all the cute things about her school....... and ya, nothing to say about my younger sister's cooking skills...... I just couldn't imagine that I had 'royal' treatment.....she loves cooking and I am too good in finishing it......and no one knows better than her, about my taste buds :o)

Why did I grew up......why I am far from everyone.....why can't I cherish all those moments again !!!!!!!!!!